हावड़ा से कालीघाट का रास्ता | जानिए विभिन्न आवागमन रास्ते

क्या आप भी पश्चिम बंगाल में स्थित कोलकाता के अंदर काली घटा में घूमना चाहते हैं? क्या आपको हावड़ा से कालीघाट का रास्ता मालूम नहीं है? हम समझ सकते हैं क्योंकि हावड़ा और कालीघाट दोनों ही काफी जानी-मानी जगह है और ऐसी जगह में घूमने के लिए काफी पर्यटक आते हैं। तो चलिए आज हम आपके सवाल हावड़ा से कालीघाट का रास्ता का जवाब देते हैं। और साथ ही आपको यह भी बताएंगे की कालीघाट में स्थित मंदिरों और वहां के धार्मिक स्थितियों के बारे में। जानने के लिए ऊपर से नीचे तक इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िएगा।

हावड़ा से कालीघाट के रास्ता का क्या महत्व है?

सबसे पहले तो दिमाग में यह बात आएगी कि आखिर हावड़ा से कालीघाट के रास्ते का ऐसा क्या महत्व है जो यह इतना प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि कोलकाता शहर इसी हावड़ा से कालीघाट के रास्ते पर आपको देखने को मिल जाता है। यहां पर आपको अलग-अलग संस्कृति पर्यटन स्थल तथा कोलकाता शहर के काफी विभिन्न विभिन्न चीजों के बारे में देखने और जन को मिल सकता है। हावड़ा से कालीघाट का रास्ता पर्यटन के लिए और मुनाफे के लिए काफी प्रसिद्ध है। यही वजह है कि हावड़ा से कालीघाट का रास्ता इतना महत्व रखता है।

हावड़ा से कालीघाट का रास्ता

कोलकाता के अंतर्गत आने वाला का हावड़ा से कालीघाट का रास्ता जो की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है आज हम पहले इसके बारे में जानेंगे। हावड़ा से कालीघाट का रास्ता 14.8km का है.  हावड़ा से कालीघाट जाने के लिए आपके पास दो विकल्प है पहले तो सबसे आसान और जो सबके पास हमेशा उपलब्ध होता है वह है गूगल। गूगल के माध्यम से आप गूगल मैप का इस्तेमाल कर सकते हैं और इसमें आप आराम से किसी भी दिक्कत के बिना इस रास्ते को देख सकते हैं। हमने यहां आपको गूगल मैप दिया हुआ है आप उसे देख सकते हैं।

हावड़ा से कालीघाट का रास्ता

और अब हम दूसरी विकल्प की बात करते हैं जिस विकल्प में हम आपके रास्ते के बारे में पूरी जानकारी देंगे। यदि आप हावड़ा से कालीघाट का रास्ता तय करना चाहते हैं और आप पर्यटक हैं तो आप मेट्रो, बस, रेलवे, और टैक्सी का सहारा ले सकते हैं। और साथ यदि आपके पास अपना वाहन हो तो आप उसका भी रास्ता आराम से तय कर सकते हैं।

मेट्रो

आपकी एक मेट्रो यात्रा हावड़ा से कालीघाट की ओर करने के लिए लगभग 31 मिनट का समय लेगी। यह किसी विशेष मेट्रो लाइन पर आपके साथ चल रहे मेट्रो की औसत गति 50 किलोमीटर प्रति घंटा पर आधारित है। हावड़ा से कालीघाट की इस यात्रा की दूरी 14 किलोमीटर है। आपकी यात्रा हावड़ा स्टेशन से शुरू होकर, कोलकाता के दिल में स्थित है, और आपको बागड़ी बाजार, अर्मेनियाई स्ट्रीट, ओरिएंटल बैंक, चाय बोर्ड, बी.बी.डी बाग ट्राम डिपो, बी.बी.डी. बाग, ग्रेट ईस्टर्न इलाका, एस्प्लेनेड राजभवन, धर्मतला, राजभवन एस्प्लेनेड, मेयो रोड, पार्क स्ट्रीट, मैदान, रवींद्र सदन, नेताजी भवन, जतिन दास पार्क और अंत में कोलकाता, पश्चिम बंगाल के प्रमुख क्षेत्र कालीघाट लेकर जाएगी।

बस

आपकी  हावड़ा से कालीघाट तक बस से यात्रा करने में लगेगा लगभग 30 मिनट। इसमें आपकी बस की गति 50 किलोमीटर प्रति घंटा के आसपास होगी। यह यात्रा हावड़ा से कालीघाट के बीच 14 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगी। आपकी यात्रा हावड़ा स्टेशन से शुरू होकर कोलकाता के विभिन्न प्रमुख स्थलों के माध्यम से गुजरेगी, जैसे कि बागड़ी बाजार, अर्मेनियाई स्ट्रीट, ओरिएंटल बैंक, चाय बोर्ड, और बहुत कुछ। इस यात्रा के दौरान आपको कोलकाता की वाणिज्यिक विविधता का एक झलक मिलेगा।

रेलवे

आपकी  हावड़ा से कालीघाट जाने के लिए रेलवे से की जाने वाली यात्रा में लगभग 51 मिनट का समय लगेगा। आपकी यात्रा का आधार वह रेलवे होगा जिसमें आप सवार होंगे, और यह रेलवे औसत रूप से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की गति पर चलेगा। हावड़ा से कालीघाट की यात्रा 14.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस यात्रा के दौरान आपको कई महत्वपूर्ण स्थलों से गुजरना होगा, जैसे कि बाली घाट, दक्षिणेश्वर, बारानगर रोड, दम दम जंक्शन, कवि सुभाष, बेल्जियम, श्यामबाज़ार, सुतानुति, गिरीश पार्क, महात्मा गांधी रोड, और अन्य कई स्थलों से गुजरेंगे।

टैक्सी

आपकी हावड़ा से कालीघाट की ओर टैक्सी से जाने के लिए लगभग 40 मिनट की यात्रा करेगी। इस यात्रा में आपकी टैक्सी की गति 50 किलोमीटर प्रति घंटा के आसपास होगी। हावड़ा से कालीघाट की यात्रा की दूरी 14.5 किलोमीटर है। आपकी इस टैक्सी यात्रा के दौरान आप हावड़ा स्टेशन से निकलेंगे और कालीघाट (कोलकाता, पश्चिम बंगाल) पहुंचेंगे।

बाइक

आपकी हावड़ा से कालीघाट जाने के लिए बाइक से की जाने वाली यात्रा में आपके लिए लगभग 32 मिनट का समय लगेगा। यह यात्रा बाइक की गति पर निर्भर करेगी, औसत रूप से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की गति पर चलती है। हावड़ा से कालीघाट की यात्रा की दूरी 14.5 किलोमीटर है। आपकी इस बाइक यात्रा के दौरान आप हावड़ा स्टेशन (हावड़ा, कोलकाता) से निकलेंगे और कालीघाट (कोलकाता, पश्चिम बंगाल) पहुंचेंगे, जहां आप कालीमाता मंदिर की यात्रा कर सकते हैं।

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कालीघाट में प्रसिद्ध काली माता मंदिर

हावड़ा से कालीघाट का रास्ता

अब हम आपको ले चलते हैं एक अलग टॉपिक पर जिसमें हम आपको बताएंगे कि कालीघाट में सबसे प्रसिद्ध काली माता मंदिर और उसके इतिहास भक्ति भाव आदि के बारे में।

इतिहास

कालीघाट काली मंदिर, 18वीं शताब्दी की शुरुआत में 1809 में निर्मित, एक दिव्य मंदिर है जो देवी काली को समर्पित है। यह मंदिर सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर माता के 51 शक्तिपीठों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। शक्तिपीठ देवी शक्ति, दिव्य स्त्री ऊर्जा से जुड़े पवित्र स्थल होते हैं। कालीघाट काली मंदिर का इतिहास पौराणिक कथाओं और भक्ति से भरपूर है। इसे वह स्थान माना जाता है जहां देवी सती का दाहिना पैर का अंगूठा गिरा था, जब उनका शरीर टुकड़ों में बाट गया था। इस पौराणिक सम्बंध के कारण मंदिर को गहरा आध्यात्मिक महत्व मिलता है, और यह अनगिनत तीर्थयात्री और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

स्थापत्य भव्यता

कालीघाट काली मंदिर की वास्तुकला बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इस मंदिर का डिज़ाइन पारंपरिक बंगाली वास्तुकला को दर्शाता है, जिसमें जटिल टेराकोटा काम और एक विशिष्ट अग्रभाग की विशेषता है। भक्त और आगंतुक खोपड़ियों की माला और विभिन्न प्रसादों से सजी देवी काली की आश्चर्यजनक मूर्ति को देख सकते हैं। मंदिर परिसर में अन्य देवताओं को समर्पित छोटे मंदिर भी शामिल हैं, जो भक्ति और आध्यात्मिकता का सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनाते हैं। मंदिर के भीतर ऊर्जा स्पष्ट है, और भक्तों को प्रार्थना और ध्यान में डूबे हुए देखना आम बात है।

प्रसाद

कालीघाट काली मंदिर में आने वाले पर्यटक विभिन्न अनुष्ठानों और प्रसादों में भाग लेते हैं और देवी काली का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। वे फूल, मिठाइयाँ और नारियल के रूप में प्रसाद प्रस्तुत करते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं। मंदिर के त्योहार, जैसे काली पूजा और नवरात्रि, विशेष रूप से भरपूर और धूमधाम से मनाए जाते हैं, जिसमें सजावट, जुलूस और परंपरिक प्रदर्शन शामिल होते हैं।

सांस्कृतिक महत्व

अपने धार्मिक महत्व से परे, कालीघाट अत्यधिक सांस्कृतिक महत्व रखता है। यह मंदिर सदियों से कवियों, लेखकों और कलाकारों के लिए प्रशंसा का विषय रहा है। इसने कई साहित्यिक कृतियों, चित्रों और मूर्तियों को प्रेरित किया है जो भक्ति और आध्यात्मिकता के सार को दर्शाते हैं। कालीघाट सिर्फ पूजा स्थल नहीं है; यह पश्चिम बंगाल की स्थायी आस्था और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। पर्यटक न केवल देवी की दिव्य उपस्थिति की ओर आकर्षित होते हैं, बल्कि परंपरा और आधुनिकता के अनूठे मिश्रण की ओर भी आकर्षित होते हैं जो कोलकाता के इस हलचल भरे हिस्से की विशेषता है।

हावड़ा से कालीघाट का रास्ता के पर्यटक स्थल

दोस्तों, हावड़ा से कालीघाट के इस मार्ग पर विभिन्न प्रकार के पर्यटन स्थल मिलते हैं, जिन्हें आप अपनी यात्रा के दौरान देख सकते हैं। इस मार्ग में शामिल चार प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में हमने यहां जानकारी दी है:

  1. बोड़ोयदा पार्क: हावड़ा से कालीघाट मार्ग पर यह पार्क स्थित है, जहां आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं और पिकनिक कर सकते हैं।
  2. मियान घाट: यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो हावड़ा से कालीघाट मार्ग पर स्थित है, यहां आप शानदार दृश्यों का आनंद ले सकते हैं और नदी किनारे आराम कर सकते हैं।
  3. तालभेड़ा बन्दरगाह: यह भी हावड़ा से कालीघाट मार्ग पर स्थित है, और यहां आप वन्यजीवों के करीब जा सकते हैं और उन्हें देख सकते हैं।
  4. तोतला मठ: यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो कालीघाट मार्ग पर स्थित है, और यहां आप शांति और ध्यान का आनंद ले सकते हैं।

अंतिम शब्द

दोस्तों, हम आशा करते हैं कि आपको हावड़ा से कालीघाट के रास्ते के बारे में पूरी जानकारी मिल गई है। हमने आपको हावड़ा से कालीघाट जाने के लिए सभी विकल्प बताए हैं, लेकिन सबसे अच्छा तरीका है मेट्रो का प्रयास करना। मेट्रो से यात्रा करने से आपको पैसे भी बचेंगे और आप तेजी से पहुँच सकेंगे। हमें आशा है कि आपको इस ब्लॉग पोस्ट से यह जानकारी उपयोगी लगी होगी, कृपया नीचे कमेंट में हमें बताएं कि आपको यह ब्लॉग कैसा लगा।

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