कोशिका की खोज किसने की थी ?

Koshika Ki Khoj Kisne Ki Thi :- कोशिका के बिना किसी भी जीव जंतु यहां तक कि पौधों का अस्तित्व नहीं है। जिस DNA को हम जानते हैं, वह भी कोशिका के अंदर ही पाया जाता है।

आज हम इस लेख में आपको कोशिका की खोज किसने की और कैसे हुई के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे।

यह लेख अत्यंत ज्ञानवर्धक होगा, क्योंकि कोशिका के बारे में कक्षा 9th से लेकर Class Ph.D. के विषय में भी पढ़ाया जाता है, इसलिए कोशिका एक महत्वपूर्ण विषय है।

यहां तक कि मनुष्य के शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग भी है। बहुत से कोशिका मिलकर एक उत्तक का निर्माण करते हैं।

इसी से हर जीव का निर्माण होता है। कोशिका को पाठ्यक्रम में शामिल करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना तथा यह कैसे कार्य करता है, यह जानना भी अति आवश्यक हो जाता है।

जैसे-जैसे वैज्ञानिक नई नई खोज कर रहे हैं, वैसे वैसे कोशिका के अंदर की संरचना को जानना तथा कार्य प्रणाली को समझना आवश्यक हो जाता है।

जब इसके खोजकर्ता ने इसके बारे में जाना, तो वह आश्चर्यचकित रह गए। यह लेख कोशिका की खोज पर आधारित है, आइए जानते हैं।


कोशिका की खोज किसने की थी ? | Koshika Ki Khoj Kisne Ki Thi

कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने 1665 में की है। रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज करके विज्ञान के क्षेत्र में एक भूचाल सा ला दिया था।

वैसे तो रॉबर्ट हुक इंग्लैंड के प्राकृतिक दार्शनिक है। इन्होंने कोशिका के बारे में हर वह बारीकी जानी, जिनसे उन्हें कोशिका का पिता कहा जाता है।

प्राकृतिक दार्शनिक होने के नाते उन्होंने पेड़ पौधों तथा जीव जंतुओं को माइक्रोस्कोप के माध्यम से देखा, तो यह पता चला, कि उन्हें छोटे-छोटे कोशिकाओं की रचना दिखाई दे रही है।

रॉबर्ट हुक ने प्रकृति से जुड़े हुए हैं, बहुत से पेड़ पौधों के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा उन पर सूक्ष्मदर्शी के माध्यम से अध्ययन किया।


कोशिका की खोज कैसे हुई ?

जब रॉबर्ट हुक अपने लैब में काम कर रहे थे, तब उन्होंने एक कांच की बोतल के कार्क को पतले टुकड़ों में काट कर देखा तो रॉबर्ट हुक ने पाया, कि उसमें छोटे-छोटे छिद्र दिखाई दे रहे हैं, तब उन्होंने इन छोटे-छोटे छिद्रों को Cell का नाम दिया।

इस पर और गहन अध्ययन किया, तो उन्होंने पौधे के छोटे टुकड़े में काटा तो उन्होंने उस में पाया, कि इसमें भी उन छोटे क्षेत्रों की तरह ही संरचना दिखाई दे रही है।

इस तरह से कोशिका की खोज की गई। जैसे जैसे आधुनिक तकनीक तथा माइक्रोस्कोप में बदलाव होते गया, वैसे वैसे हम कोशिका के अंदर तथा उसकी संरचनाओं का अध्ययन करने लगे।


कोशिका का सिद्धांत किसने दिया था ?

कोशिका की खोज 1665 में हो गई थी, परंतु अभी भी कोशिका से संबंधित कई खोज तथा अनुसंधान बाकी थे। जैसे-जैसे वैज्ञानिक आगे आते गए, वैसे-वैसे कोशिका की आंतरिक रचनाओं का भी अध्ययन होता गया।

कुछ वैज्ञानिकों ने कोशिका का सिद्धांत दिया, तो कुछ नहीं कोशिकाओं के बारे में नियम बनाएँ। इसके साथ ही कुछ विद्वानों ने कोशिकाओं को वर्गीकृत किया।

इसी में से कोशिका का सिद्धांत एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। इसका प्रतिपादन 1838 में थियोडोर श्वान और मैथियास जैकब श्लाइडेन ने किया। इन दोनों वैज्ञानिकों ने मिलकर इस सिद्धांत का प्रतिपादन करके लोगों को अवगत करवाया।


कोशिका के प्रकार

मुख्य रूप से कोशिका के दो प्रकार होते हैं:-

  1. अकेन्द्रिक कोशिका ( Prokaryotic Cell )
  2. सुकेन्द्रिक कोशिका ( Eukaryotic cell )

1. अकेन्द्रिक कोशिका ( Prokaryotic Cell ) :- जिसमें केंद्र नहीं पाया जाता है। इसके साथ में यह पूर्ण रूप से विकसित नहीं होती है।

इस तरह की कोशिका को Prokaryotic Cell कहते हैं। यह कोशिका बहुत ही सूक्ष्म जीव जंतुओं में पाई जाती है, जैसे बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ आदि।

2. सुकेन्द्रिक कोशिका ( Eukaryotic cell ) :- इस तरह की कोशिका पूर्ण रूप से विकसित होती है तथा इसमें केंद्रक पाया जाता है।

केंद्रक के सारे भाग अच्छी तरह से कार्य करते हैं। इसकी संरचना जटिल होती है, यह बड़े जीव जंतुओं में पाई जाती है, जैसे मनुष्य, खरगोश, पादप आदि।


सबसे पहली कोशिका का नाम क्या है ?

जब पृथ्वी का निर्माण हुआ तो यहां पर सबसे ज्यादा लावा तथा पानी भरा हुआ था, जिस वजह से किसी भी जीव जंतु का विकसित होना नामुमकिन था, परंतु जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, वैसे वैसे पृथ्वी में भी बदलाव होते गए।

जब पृथ्वी ठंडी हो गई, तो यहां पर बहुत सारी बर्फ जम गई परंतु जीवन के लिए यह भी वातावरण अनुकूल नहीं था।

धरती का बदलाव तथा बर्फ पिघलना शुरू हुआ, तो तब बादल बनने लगे और बारिश होने लगी। तब स्थल भाग दिखाई देने लगा।

सैकड़ों सालों के बाद पानी में कुछ जीव उत्पन्न होने लगे, जिन्हें हम प्रोटोजोआ कहते हैं।

प्रोटोजोआ एक कोशिका से बना हुआ जीव है। इसमें अकेन्द्रिक कोशिका पाई जाती है, इसलिए धरती में सबसे पहले अकेन्द्रिक कोशिका थी।


कोशिका के अंगों के नाम

ऊपर हमने आपको Koshika Ki Khoj Kisne Ki Thi के बारे में बताया था, अब हम कोशिका के अंगों के नाम के बारे में जानते हैं।

  • कोशिका भित्ति (Cell wall)
  • जीवद्रव्य (Protoplasm)
  • कोशिका झिल्ली का तरल मोजैक मॉडल (Fluid mosaic model)
  • हरितलवक (Chloroplast)
  • माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria)
  • अन्त : प्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic reticulum)
  • गॉल्जीकाय (Golgi body)
  • गुणसूत्र ( पितृसूत्र ) एवं जीन
  • राइबोसोम तथा सेन्ट्रोसोम
  • लवक

कोशिका में केंद्रक का मुख्य कार्य क्या है ?

जैसे हमारे शरीर का नियंत्रण मस्तिष्क के माध्यम से होता है, वैसे ही कोशिका का नियंत्रण केंद्रक के माध्यम से होता है।

केंद्रक के अंदर केंद्रीयका पाई जाती है, जो केंद्रक का एक महत्वपूर्ण भाग है। केंद्रक में ही DNA पाया जाता है, जो कोशिका की सबसे छोटी इकाई होती है।

इससे समझ में आ जाता है, कि केंद्रक का मुख्य कार्य प्रजनन तथा शारीरिक वृद्धि को बढ़ाना या नियंत्रित करना है।


साइटोलॉजी क्या है ? ( What is Cytology ? )

जब हम विज्ञान के माध्यम से कोशिका के शारीरिक रचना तथा भागों का अध्ययन करते हैं, तो उसे साइटोलॉजी कहते हैं।

अर्थात् कोशिका के अध्ययन को कोशिका विज्ञान कहते हैं। इसके अंतर्गत हम कोशिका की संरचना, कार्य, महत्व, वैज्ञानिक परिवर्तन आदि जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं का अध्ययन करते हैं।


आत्महत्या की थैली किसे कहा जाता है ?

आत्महत्या की थैली कोशिका के अंदर पाए जाने वाले माइटोकॉण्ड्रिया ( Mitochondria ) को कहा जाता है। जो भोजन की आपूर्ति के लिए स्वयं को ही मार देती है।

यदि साफ शब्दों में कहा जाए, तो जब कोशिका को आवश्यक तत्व की आवश्यकता होती है, जिससे वह जीवित रहने में सक्षम हो पाती है, तब माइटोकॉण्ड्रिया ( Mitochondria ) अपने अंदर समा हित पदार्थों के माध्यम से कोशिका को भोजन प्रदान करती है।

इस प्रक्रिया के माध्यम के कारण माइटोकॉण्ड्रिया को आत्महत्या की थैली कहा जाता है।


Conclusion

आशा करता हूं, मेरे द्वारा दी गई जानकारी ( Koshika Ki Khoj Kisne Ki Thi ) से आप संतुष्ट होंगे।

इस लेख का उद्देश्य कोशिका के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है, ताकि जो भी विद्यार्थी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है या वह जीव विज्ञान से संबंधित विषय पड़ता है, तो आप इस लेख के माध्यम से कोशिका के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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