Upsarg Kise Kahate Hain :- आज के इस लेख की मदद से हम उपसर्ग किसे कहते हैं ? के बारे में जानने वाले हैं।
आपने जब भी कभी हिंदी व्याकरण का परीक्षा दिया होगा, तो उसमें उपसर्ग से जुड़े कुछ सवाल अवश्य देखें होंगे और उपसर्ग व्याकरण का एक ऐसा भाग है, जो हमें बचपन से पढ़ाया जाता है।
मगर क्या आपको मालूम है, कि उपसर्ग क्या है और उपसर्ग के कितने भेद होते हैं ? अगर आपका जवाब ना है, तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहिए, क्योंकि इस लेख में हम इसे से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने वाले हैं।
उपसर्ग किसे कहते हैं ? | Upsarg Kise Kahate Hain
उपसर्ग शब्द एक ऐसा शब्दांश होता है, जो किसी भी सामान्य शब्द के साथ जुड़ करके उसका उच्चारण में बदलाव ला देता है और अर्थ में परिवर्तन कर देता है।
उपसर्ग हिंदी व्याकरण के लिए बहुत आवश्यक भाग माना जाता है। उपसर्ग दो शब्दों से मिलकर के बना है और उपसर्ग का संधि विच्छेद करने पर दो शब्द हमारे सामने आते हैं, जिसमें से पहला है – उप और दूसरा है – सर्ग।
संस्कृत भाषा के अनुसार उप शब्द का अर्थ निकट या समीप होता है और सर्ग शब्द का अर्थ सृजन करना होता है, यानी कि दोनों शब्दों का अर्थ किसी नए शब्द के निकट आकर के एक नए शब्द की उत्पत्ति करना होता है।
उपसर्ग की परिभाषा ? | Upsarg Ki Paribhasha
हिंदी व्याकरण में ऐसे कई शब्द होते हैं, जो किसी भी सार्थक शब्द के आगे या पीछे जुड़ करके उसका पूरा शब्दांश और उच्चारण बदल देते हैं और हिंदी व्याकरण में इन्हीं सभी शब्दों को उपसर्ग कहा जाता है।
हिंदी व्याकरण में उपसर्ग का उपयोग खास तौर पर संधि विच्छेद के समय पर किया जाता है, क्योंकि उसी में सभी शब्दांश को एक शब्द से अलग करना होता है, जिसमें उस शब्द का अक्षर अलग हो जाता है।
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि : ” तम ” एक सार्थक शब्द है, जिसका अर्थ हिंदी में कालिमा होता है। यदि हम इस सार्थक शब्द के पहले “ प्री ” उपसर्ग का प्रयोग कर देते है अर्थात जोड़ देते है, तो हमें एक नया शब्द “ प्रीतम ” प्राप्त होता है। और प्रीतम शब्द का अर्थ प्रेमी होता है, तो कुछ इस प्रकार से उपसर्ग शब्दों का अर्थ और उच्चारण दोनों बदल देता है, जैसे कि हमने ऊपर में देखा।
उपसर्ग के प्रकार – ( उपसर्ग के भेद ) | Upsarg Ke Bhed
अगर हम उपसर्ग के भेद के बारे में बात करें तो उपसर्ग के मुख्यतः तीन भेद होते हैं और हमने उन तीनों भेदों के बारे में नीचे में स्टेप बाय स्टेप करके बता रखा है, तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।
- संस्कृत के उपसर्ग
- हिंदी के उपसर्ग
- आगत उपसर्ग
1. संस्कृत उपसर्ग किसे कहते है ?
हिंदी व्याकरण के अनुसार संस्कृत उपसर्ग को तत्सम शब्द भी कहा जाता है, क्योंकि जो क्रियाकलाप तत्सम शब्द में होते हैं, ठीक उसी प्रकार के क्रियाकलाप संस्कृत उपसर्ग में भी होते है।
ऐसा भी माना जाता है, कि संस्कृत के उपसर्गो का जन्म हिंदी के उपसर्गो उसे हुआ है और वह इसी से विकसित हुए हैं। संस्कृत उपसर्गो की कुल संख्या लगभग 22 होती है और उन 22 संख्याओं पर हमने नीचे में उदाहरण दिया है।
संस्कृत के उपसर्ग का उदाहरण
- अप + रीत = अपरीत
- अभी + नव = अभिनव
- अनु + साधन = अनु साधन
- अनु + गत = अनु गत
- अव + लोकन = अवलोकन
- अव + काँसा = अवकाँसा
- अभि + यान = अभियान
- अधि + कतम = अधिकतम
- अधि + नीति = अधिनीति
- आ + रोध = आरोध
2. हिंदी उपसर्ग किसे कहते है ?
हिंदी व्याकरण के अनुसार हिंदी उपसर्ग को तद्भव शब्द भी कहा जाता है, क्योंकि जो क्रियाकलाप तद्भव शब्द में होते हैं, ठीक उसी प्रकार के क्रियाकलाप संस्कृत उपसर्ग में भी होते है।
हिंदी उपसर्गो की संख्या सामान्यतः तौर पर 10 होती है, मगर इस 10 शब्दों से अनगिनत उपसर्ग बनाए जा सकते हैं। हमने इन हिंदी उपसर्गो से जुड़े कुछ उदाहरण नीचे में दिए हैं। हिंदी उपसर्ग भी संस्कृत उपसर्ग जितना महत्वपूर्ण माने जाते है।
हिंदी के उपसर्ग का उदाहरण
- अ + मीत = अमित
- अ + कांछा = अकांछा
- अन + सुना = अनसुना
- अन + बन = अनबन
- अध + रोपण = अधरोपन
- उन + चालीस = उनचालीस
- कु + कुर = कुकुर
- नि + राशा = निराशा
- भर + पूर = भरपूर
- पर + चम = परचम
3. आगत उपसर्ग किसे कहते है ?
आगत उपसर्ग बाकी सभी उपसर्गों से अलग होते हैं क्योंकि इनमें कोई भी संख्या निर्धारित नहीं होती है और इनका बनाने का तरीका भी वही होता है बस इन मे फर्क यह होता है कि आगत उपसर्ग विदेशी भाषाओं के लिए विभाजित किये गए हैं, आगत उपसर्ग किसी भी शब्द का बनाया जा सकता है।
ऐसा बात बिल्कुल भी नहीं है कि इसमें कोई खास शब्द नहीं देने के वजह से हिंदी व्याकरण के लिए जरूरी नहीं होगा। बल्कि यह उपसर्ग भी हिंदी उपसर्ग और संस्कृत उपसर्ग जितना ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आगत के उपसर्ग का उदाहरण
- कोको + कोला = कोकोकोला
- सीता + राम = सीताराम
- कम + बेसी = कमबेसी
- न + रिक्षण = नारिक्षण
- बे + बस = बेबस
- वर + तमान = वर्तमान
- भाई + चारा = भाईचारा
- बद + किस्मत = बदकिस्मत
- हर + हर = हर हर
- हम + लोग = हम लोग
- ज + हॉज = जहाज
- च + मार = चर
- राज + पूत = राजपूत
- यदु + वंसी = यदुवंसी
- राज + वंसी = राजवंसी
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अंतिम शब्द :
उम्मीद करता हूं, कि आप को मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से Upsarg Kise Kahate Hain के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।
हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको उपसर्ग शब्द किसे कहते है, के बारे में बताया है।
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