Water Cycle In Hindi :- ” जल ही जीवन है ” इस सिद्धांत को हर कोई मानता है, क्योंकि जल के बिना कोई भी जीव जंतु, यहां तक कि पेड़ पौधे भी जीवित नहीं रह सकते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं, पानी जब आसमान से गिरता है, तो फिर से आसमान में कैसे चला जाता है। आज हम इसी विज्ञान के बारे में आपको बताएँगे।
आज हम इस लेख के माध्यम से आपको जल चक्र के बारे में बताएँगे, इसके साथ ही जल चक्र के महत्व प्रकार तथा अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आपका ध्यान केंद्रित करेंगे।
यदि जल चक्र ना हो, तो पृथ्वी का पर्यावरण खराब हो जाएगा, यहां तक कि पारिस्थितिकी तंत्र भी नष्ट हो जाएगा।
यदि मिट्टी में नमी नहीं होगी तो फसल भी उत्पन्न नहीं होगी , यह भी एक जल चक्र का हिस्सा है। आइए जानते हैं – जल चक्र के बारे में।
जल चक्र क्या है ? | Water Cycle In Hindi
जल चक्र को English में Hydrology Cycle कहा जाता है या Water Cycle भी कहा जाता है। जब धरती तथा समुद्र का पानी व स्वीकृत होकर बादल का निर्माण करके वर्षा के रूप में पुनः समुद्र तथा धरती में गिरती है, तो यह चक्र जल चक्र कहलाता है।
जल चक्र की प्रक्रिया | Water Cycle Diagram In Hindi
यह बहुत ही आसान तथा सरल प्रक्रिया है परंतु पृथ्वी के वायुमंडल तथा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यदि जल चक्र ना हो तो पृथ्वी में जीवन संभव नहीं हो पाएगा। जल चक्र को समझना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि दिन प्रतिदिन हम बहुत अधिक पानी बहा देते हैं।
जिस वजह से पीने के पानी की कमी हो रही है। जल चक्र की प्रक्रिया इसी का एक महत्वपूर्ण कार्य है।
जब समुद्र तथा भूमि गत जल या नदी, तालाब आदि का पानी Sun Light की Heat के कारण भाप बनकर उड़ जाता है, तो यह वायुमंडल में जाकर जमा हो जाता है।
जब यह भाप वायुमंडल के दबाव की वजह से आपस में जुड़ने लगते हैं, तो पानी की छोटी छोटी बूंद बनना चालू हो जाती है।
जब यह छोटी-छोटी बूंदे वायुमंडल के दबाव को सहन नहीं कर पाती है, तो यह पुनः ज़मीन में गिरने लगती है। इस तरह से जल चक्र का निर्माण होता है। इसी जल को मनुष्य तथा पेड़ पौधे ग्रहण करते हैं।
जल चक्र का महत्व | Importance Of Water Cycle
जल का महत्व उन लोगों से समझना चाहिए, जो अभी भी गंदा पानी पीते हैं। जिनके घर में अभी भी नहाने, बर्तन साफ करने तथा अन्य कार्यों के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पाता है।
हमारे धरती में 97% पानी खारा पानी पाया जाता है, जो कि महा सागरों में पाया जाता है। इसके बाद बचे हुए 3% पानी मीठा पानी है।
इसके साथ ही 3% पानी का लगभग 68% बर्फ में जमा हुआ है तथा 30% भूमिगत पानी है। इसमें से केवल 2% पानी ही पीने योग्य है। फिर भी हम जल की क़दर नहीं करते हैं।
पानी तथा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति पौधे अपना भोजन बनाते हैं, उसी भोजन की प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन गैस निकलती है, जो हमारे लिए जीवन दायिनी केस है। इसके साथ ही जंगल नष्ट हो जाएंगे।
जल की कितनी अवस्थाएं होती है ?
जल की मुख्य रूप से तीन अवस्थाएं होती है:-
- ठोस
- द्रव
- गैस
पृथ्वी पर जल का वितरण
जैसा कि आप सब जानते हैं, पानी एक ऐसी वस्तु है, जो ठोस, द्रव तथा गैस तीनों अवस्था में पाई जाती है परंतु यह धरती के लगभग सभी भागों में पाई जाती है।
धरातल यह नदी, नालों, तालाब में पाया जाने वाला जल होता है, जो फ़सलों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वायुमंडल यहां बादलों के रूप में आकाश में विद्यमान रहता है। इसी के साथ यह ठोस बर्फ के रूप में नीचे गिर जाता है, जिसे ओले गिरना कहते हैं।
समुद्री जल हमारे पृथ्वी के महासागर में ज्यादातर पानी पाया जाता है। लगभग 97% पानी में समाया हुआ है। इनमें पाया जाने वाला पानी समुद्री जल कहलाता है।
भूगर्भ जल ऐसा पानी होता है, जो केवल ज़मीन के अंदर पाया जाता है, जिसे नालों, कुएँ आदि के माध्यम से बाहर निकाला जाता है, यह मीठा पानी होता है।
जिसका इस्तेमाल पीने के पानी के लिया जाता है। इसी के साथ पढ़ती भी तकनीकी विज्ञान की वजह से सिंचाई के क्षेत्र में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
जल चक्र को प्रभावित करने वाले कारक
ऊपर आपने Water Cycle In Hindi के बारे में जाना, अब जल चक्र को प्रभावित करने वाले कारक के बारे में जानते है।
जैसा कि हम सब जानते हैं, धीरे धीरे जनसंख्या पढ़ते जा रही है। जिस वजह से हम जंगलों को तथा पानी का दुरुपयोग करने लगे हैं।
इसी के साथ ही हमने ऐसे कई तकनीक निकाली है, जिनसे भी पृथ्वी का दूषित पानी साफ नहीं हो पा रहा है।
वनों की कटाई :- बढ़ती हुई आबादी के वजह से हम धीरे-धीरे वनों की कटाई करते जा रहे हैं।
जिस वजह से चक्र प्रभावित हो रहा है, क्योंकि पौधों द्वारा स्वीकृत होने वाला पानी बादल का निर्माण करता था तथा इनकी जड़ें पानी को रोक कर भूमिगत पानी की वृद्धि में मदद करते थे।
परंतु वनों की कटाई के वजह से यह पानी समुद्र में चले जाता है। जिस वजह से खारे पानी की मात्रा बढ़ती जा रही है और इसमें मिला हुआ नमक वैश्वीकरण की प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है। जिस वजह से जल चक्र भी प्रभावित हो रहा है।
जनसंख्या :- बढ़ती हुई जनसंख्या आज बहुत बड़ी समस्या बनने जा रही है। इसके लिए सरकार कई प्रकार की योजनाएं लाते रहती है, जिससे की जनसंख्या नियंत्रित हो सके।
लोगों ने पानी को दूषित करना चालू कर दिया है, जिस वजह से पीने योग्य पानी की कमी हो रही है।
लोग पानी में कई प्रकार के रसायनों का इस्तेमाल करके जल चक्र को प्रभावित कर रहे हैं, क्योंकि कुछ ऐसे रसायन होते हैं, जो जल की संरचना को तोड़ने का कार्य करती है।
जिससे अमली वर्षा तथा ओलावृष्टि जैसे समस्याएं उत्पन्न हो रही है।
औद्योगिकरण :- हमने कई प्रकार की तकनीक निकाली है परंतु इन तकनीकों का कहीं लाभ है तो कहीं हानि भी हो रही है।
लाभ मनुष्य को प्राप्त हो रहा है, लेकिन इसका परिणाम जल चक्र को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि उद्योगों के रसायनों के रिसाव तथा इससे निकलने वाला गंदा पानी नदी, नालों तथा समुद्र में जाकर मिल रहा है।
जिस वजह से पानी में रसायन मिल रहे हैं। इन रसायनों के वजह से पानी का वर्तमान स्वरूप बिगड़ रहा है। इनमें कई प्रकार के जैविक तथा अजैविक रसायन मिलने के वजह से पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान हो रहा है।
यह चक्र को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित होता है।
उर्वरक:- ज्यादा उर्वरक का इस्तेमाल करने से ज़मीन सख़्त तथा अनुपयोगी होती जा रही है। यही कारण है, कि समय पर वर्षा नहीं हो रही है और इसे जल चक्र प्रभावित हो रहा है।
चक्र का संतुलन कैसे बनाएँ ?
- यदि हमें पृथ्वी तथा मानव सभ्यता को लंबे समय तक बनाए रखना है, तो हमें अपने पर्यावरण को प्रभावित तथा दुष्परिणाम से बचाना होगा।
- यदि जल चक्र में परिवर्तन होने लगेगा, तो हमें कई प्रकार की समस्याएं होगी।
- यदि चक्र को संतुलित बनाए रखना है, तो हमें निरंतर वृक्षारोपण करना चाहिए।
- जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना चाहिए।
- पानी का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
- जलवायु परिवर्तन जैसी बड़ी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, कम से कम पानी का उपयोग करना चाहिए।
- खेतों में कम उर्वरक का इस्तेमाल करना चाहिए।
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Conclusion :
आशा करता हूं, मेरे द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट होंगे। इस लेख का उद्देश्य जल चक्र ( Water Cycle In Hindi ) के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है।
यदि आप भी पर्यावरण के प्रति जागरूक है तथा पर्यावरण को नष्ट होने से बचाना चाहते हैं, तो हमें जल चक्र पर ध्यान देना अति आवश्यक है।
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